ชุดกิโมโนที่เงียบในฝน
ฟอโต้แอมเบียนต์
जब साड़ी बोली तो क्या हुआ?
मेरी माँ के कैबिनेट में साड़ी फ़ोल्ड है… पर कोई इसे ‘पोस’ नहीं मानता! क्या ये साड़ी है? नहीं… ये तो पुराना स्मृशन है — 3:17 AM की बरसात में पड़ती हुई सिल्क।
59 फ्रेम्स? हाँ। पर कोई मुस्कुराएगा?नहीं।
एक-एक पिक्चर में ‘किमोनो’ का प्रश्न — ‘मैंने सिर्फ़ पहना,देखने के लिए नहीं…यादगारि के लिए!’
अब सवाल: तुम्हारा सभी ‘सॉफट’ पहनते हैं? 😅
#जब_साड़ी_बोली_तो_क्या_हुआ
किमोनो ने कहा था… साइलेंट?
मैंने भी ये किमोनो पहना… पर लाइक्स के लिए नहीं।
मैंने इसे 3:17 बजे शटर पर क्लिक किया… पानी की बूँदें हुई… साइलेंस हुई…
और मैंने सोचा — ‘ये कपड़ मुझे देखता है?
नहीं!
ये तब मुझे याद करता है।
अगर आत्मान है… शॉल है… कार्ट्रेक है…
तो फोटोशॉप में क्या सबक ? 😅
आपकी मम्मी की पुरानी में भी कभी-कभी ख़िमोनो पड़ा है?
👇 कमेंट्स में #खुलवाओ!
किमोनो ने कहा, बारिश में साँस ली!
मैंने ये किमोनो 3:17 बजे खिड़की में पकड़ा… पानी की आवाज़ सुनकर।
दुनिया सोचती है ‘ये कपड़ा’ है?
नहीं!
ये त्यागव है — पुरानी सिल्क में समय का हफ्ता।
आपके कपड़े में छल है?
अगर बरसात में खुद हुआ…
तब फ्रॉगट (फ्रॉगट!)
और शॉल?
बस!
अभी परच्छति…
Comment section mein chhuppi se koi baat kar sakta hai?
I didn’t post this for likes… I posted it because my kimono cried at 3:17 a.m.
The rain didn’t tap the window—it whispered my mother’s sigh.
59 photos? None smiled.
She wore it to remember.
Not fashion.
Faith wrapped in thread.
What object do you hold onto when no one else sees?
Drop your kimono here—and tell us… did yours ever whisper back?
#SilenceBetweenFrames #KimonoTherapy




