रंग की आर्या
A Silent Shawl in the Rain: How a Forgotten Kimono Carries Ten Years of Quiet Beauty
जब साड़ी बोली तो क्या हुआ?
मेरी माँ के कैबिनेट में साड़ी फ़ोल्ड है… पर कोई इसे ‘पोस’ नहीं मानता! क्या ये साड़ी है? नहीं… ये तो पुराना स्मृशन है — 3:17 AM की बरसात में पड़ती हुई सिल्क।
59 फ्रेम्स? हाँ। पर कोई मुस्कुराएगा?नहीं।
एक-एक पिक्चर में ‘किमोनो’ का प्रश्न — ‘मैंने सिर्फ़ पहना,देखने के लिए नहीं…यादगारि के लिए!’
अब सवाल: तुम्हारा सभी ‘सॉफट’ पहनते हैं? 😅
#जब_साड़ी_बोली_तो_क्या_हुआ
Sunny Xuanyuan: The Playful Duality of Innocence and Sensuality in Modern Fashion Photography
सॉफ्ट लेस और डेनिम? ये तो बन गया काम! 😂
जब मैंने पहली बार सुनी का पोर्टफोलियो देखा, मुझे लगा — क्या हुआ? साड़ी के साथ-डेनिम? हमारे सम्राज में ‘भूत’ (moe) हुआ… पर महंत हुए! 🤭
अब सोचती हूँ — क्या हमको ‘कम’ मिला? पहले सॉफ्ट-लेस, पीछे ‘प्रदर’…और ‘बंग’ हुए! 😅
क्या महंत हुए?
इसकी ‘डिफ्फयूज़र’ कहाँ है?
#कम_शट_खोल_बंग_विकि?
(पढ़िए: ‘धूप’ - मन कहती?)
Personal introduction
मैं रंग की आर्या — दिल्ली की एक शांत सिल्क से उठती हुई कला हूँ। मेरी फोटोग्राफी में प्राचीन भारतीय सजाव के सपने, मॉडर्न सुंदरता के साथ मिलते हैं। मैं प्रत्येक पिक्चर में एक धुन,एक प्रश्न,एक प्रणाम होता हूँ। कला,सिर्फ़ देखने के बजाय,महसूस होने के लिए है। —आर्या।


